जब बात घर की वायरिंग की होती है, तो ज़्यादातर लोग केवल स्विच और उपकरणों पर ध्यान देते हैं। लेकिन इनके पीछे सबसे अहम हिस्सा होता है — वायर। और हर वायर एक जैसी नहीं होती।
अगर आप नया घर बना रहे हैं या बिजली का बिल ज़्यादा आ रहा है, तो यह समझना ज़रूरी है कि क्लास 2 और क्लास 5 वायर में क्या अंतर होता है।
क्लास 2 और क्लास 5 वायर क्या हैं?
1.5 sq. mm की क्लास 2 और क्लास 5 वायर दोनों का की तार की कुल मोटाई (area) समान होती है — 1.5 sq. mm
फर्क इनकी बनावट में होता है — यानी तारों की संख्या और उनकी मोटाई में।
क्लास 2 बनाम क्लास 5 वायर: तुलना
विशेषता | क्लास 2 वायर | क्लास 5 वायर |
लचीलापन | लचीली | ज़्यादा लचीली |
रेसिस्टेंस | कम रेसिस्टेंस | ज़्यादा रेसिस्टेंस |
गर्मी बनना | बहुत कम | लोड में जल्दी गर्म होती है |
कीमत | थोड़ी महंगी | क्लास 2 से सस्ती |
इस्तेमाल | स्थायी वायरिंग – दीवारों, छतों, स्विचबोर्ड में | उपकरणों, पावर कॉर्ड्स, फ्लेक्सिबल हिस्सों में |
कहां करें इनका इस्तेमाल?
निष्कर्ष
दोनों वायर की अपनी जगह और काम हैं। लेकिन अगर आप इनके बीच का फर्क जानते हैं, तो बेहतर और सुरक्षित निर्णय ले सकते हैं।
प्रो टिप: क्लास 2 वायर की शुरुआती कीमत थोड़ी ज़्यादा होती है, लेकिन यह बेहतर परफॉर्मेंस और सुरक्षा देती है। अगर वायरिंग स्थायी है, तो 7–8 महीनों में यह अतिरिक्त खर्च भी वसूल हो जाता है!
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